चोरी और सीना जोरी
सोनिया जी,
एक अजीब सी उलझन में पड़ गईं ।
एक हिन्दी मुहावरे का अर्थ क्या है,
इस पचड़े में उलझ गईं।
कईं लोगों से पूछने पर भी,
अर्थ समझने की हर कोशिश बेकार गई ।
‘चोरी और सीना जोरी’
कहावत का अर्थ क्या होता है,
समझते समझते हार गईं ।
वामपंथियों को है अच्छा भाषा ज्ञान,
सोनिया जी को था यह भान ।
सोनिया जी की उलझन,
सुलझेगी, मिट जाएगी किलकिल ।
वामपंथियों के समर्थन से,
‘डील’ कर लेंगे, चाहे जो भी हो मुशिकल ।
कांग्रेसियों को थी उम्मीद,
फिर मन जाएगी बकरीद ।
परन्तु, वामपंथियों की फिसलन,
खड़ी कर गया नई उलझन ।
मामला सुलझेगा कैसे,
सोच में थे लालू प्रसाद लल्लन ।
तभी अचानक,
भूलकर अपने सब अपमान,
अमरसिंह को हो आया ज्ञान ।
जिनको कभी कहा करते थे विदेशी,
उन्हीं से बोले उलझन कैसी ।
इस संसार में भयंकर ‘माया’ जाल है,
और, माया पति की पत्नि ही,
इस समस्या का निकाल है।
४-५ दिन के अथक परिश्रम से,
व्यवस्था जमाई गई ।
लोकतंत्र की कीमत पर,
सरकार बचाई गई ।
परन्तु अभी मुख्य काम तो होना बाकी था,
सोनिया जी का सवाल ज्यों का त्यों था।
इसीलिए, अगले दिन,
उन सांसदों पर इल्जाम लगाए
जिन्होंने करोंड़ों पर लात मार कर,
कांग्रेसियों को थे आइने दिखलाए।
जिनका इमान वो करोंड़ों में नहीं खरीद पाए,
वो तीनों सांसद ही,
संसद की अवमानना के दोषी कहलाए।
अब सोनिया जी की टयूबलाइट जल चुकी थी,
अमर सिंह जी और लालू जी की बाछें खिल चुकीं थीं।
सोनिया जी बोलीं,
चोरी और सीना जोरी क्या होती है,
इसका मतलब तो बड़ा सीधा है,
और यह अर्थ अब मेरे साथ-साथ,
पूरे हिंदुस्तान को भी पता है।
sundar kavita hai
ReplyDeleteaap ki kabita kaphi acchi he - amit idea me aap ki kitab le aata par mule mujhe jhila rah he baat kar lena -amit shrivastava
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